पांच साल तक किसान को नहीं करना होगा सोलर पम्‍प का रखरखाव*

*पांच साल तक किसान को नहीं करना होगा सोलर पम्‍प का रखरखाव*
*गोरखपुर:* प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पम्प लेने वाले किसान पांच साल तक पम्प के रखरखाव की चिंता से मुक्त रहेंगे। आपूर्तिकर्ता फर्म ही पांच साल तक किसानों के सोलर पम्प का रखरखाव करेगी। प्राकृतिक आपदा से पम्प के खराब होने या सोलर पैनल या पम्प के चोरी होने आदि के लिए भी फर्म ही जिम्मेदार होगी। कंपनी को अनिवार्य रूप से पम्प का बीमा भी कराना पड़ेगा। 


4 फरवरी को मिली प्रशासकीय स्वीकृति की गाइड लाइन के मुताबिक फर्म को हर तीन माह में एक बार सोलर पम्प का निरीक्षण करना होगा। निरीक्षण रिपोर्ट उप कृषि निदेशक को उपलब्ध कराना होगा। वहीं सोलर पम्पों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए प्रत्येक जिले में अधिकृत सेवा केंद्र की स्थापना भी करनी होगी। वहीं हेल्प लाइन नम्बर और कंट्रोल रूम भी बनाना होगा। ताकि किसान इसका इस्तेमाल कर सके। 


संयुक्त कृषि निदेशक ओमबीर सिंह के मुताबिक आम बजट में पीएम कुसुम योजना का ऐलान किया गया था। जिसे प्रदेश सरकार ने 4 फरवरी को ही प्रदेश में लागू करते हुए 31 मार्च तक 8,000 सोलर पम्प के वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। योजना के अंतर्गत 2, 3 एवं 5 एचबी के सोलर पम्प के लिए किसान क्रमश 28,376, 28,882 और 8,020 रुपये का ड्राफ्ट जमा कर पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें www.upagripardarshi.gov.in पर आनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। 


*यूनिवर्सल सोलर पम्प कंट्रोलर का भी विकल्प*
एक किसान सोलर पम्प का इस्तेमाल साल के 150 दिन ही सिंचाई कार्य में करता है। शेष अवधि में सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए यूनीवर्सल सोलर पम्प कंट्रोलर का विकल्प आपूर्तिकर्ता फर्म को देना होगा। इस कंट्रोल के जरिए चारा कटिंग मशीन, आटा चक्की, शीतगृह, बैट्री चार्ज करने सरीखे कार्य किए जा सकेंगे। यूनिवर्सल सोलर पम्प सिस्टम एवं सोलर पम्पिंग सिस्टम के अतिरिक्त मूल्य का भुगतान किसान को करना होगा।